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Saturday 20 July 2013

मूल्यवान जीवन

एक हीरा व्यापारी था जो हीरे का बहुत बड़ा विशेषज्ञ माना जाता था,किन्तु गंभीर बीमारी के चलते अल्प आयु में ही उसकीमृत्यु हो गयी . अपने पीछे वह अपनी पत्नी और बेटा छोड़ गया .जब बेटा बड़ा हुआ तो उसकी माँने कहा -
“बेटा , मरने से पहले तुम्हारे पिताजी ये पत्थर छोड़ गए थे , तुम इसे लेकर बाज़ार जाओ और इसकी कीमतका पता लगा, ध्यान रहे कि तुम्हे केवल कीमत पता करनी है , इसे बेचनानहीं है.”
युवक पत्थर लेकर निकला, सबसे पहलेउसे एक सब्जी बेचने वाली महिला मिली. ” अम्मा, तुम इस पत्थर के बदले मुझे क्या दे सकती हो ?” , युवक ने पूछा.
” देना ही है तो दो गाजरों के बदलेमुझे ये दे दो…तौलने के काम आएगा.”- सब्जी वाली बोली.
युवक आगे बढ़ गया. इस बार वो एक दुकानदार के पास गया और उससे पत्थर की कीमत जानना चाही .
दुकानदार बोला ,” इसके बदले मैं अधिक से अधिक 500 रूपये दे सकता हूँ..देना हो तो दो नहीं तो आगे बढ़जाओ.”
युवक इस बार एक सुनार के पास गया , सुनार ने पत्थर के बदले 20 हज़ार देने की बात की, फिरवह हीरे की एक प्रतिष्ठित दुकान पर गया वहां उसे पत्थर के बदले 1 लाख रूपये का प्रस्ताव मिला. और अंत में युवक शहर के सबसेबड़े हीरा विशेषज्ञ के पास पहुंचा और बोला,” श्रीमान , कृपया इस पत्थर की कीमत बताने काकष्ट करें .”
विशेषज्ञ ने ध्यान से पत्थर का निरीक्षण किया और आश्चर्य से युवक की तरफ देखते हुए बोला ,” यह तो एक अमूल्य हीरा है , करोड़ों रूपये देकर भी ऐसा हीरा मिलना मुश्किल है.” ,यदि हम गहराई से सोचें तो ऐसाही मूल्यवान हमारा मानव जीवन भी है . यह अलग बात है किहममेंसे बहुत से लोग इसकी कीमत नहीं जानते और सब्जी बेचने वाली महिला की तरह इसे मामूलीसमझा तुच्छ कामो में लगा देतेहैं.
आइये हम प्रार्थना करें कि ईश्वर हमें इस मूल्यवान जीवन को समझने की सद्बुद्धि दे और हम हीरे के विशेषज्ञ की तरह इस जीवन का मूल्यांक कर सके ।


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